About Me

  • नाम - शब्बीर कुमार चौरसिया 
  • जन्म - 08 जनवरी 1985
  • पिता - सावंत राम चौरसिया 
  • स्थान - बालको नगर , कोरबा छत्तीसगढ़ , इंडिया 
  • योग्यता - B.com, M.A. (Economic), M.A. (Sociology), Computer PGDCA,
  • व्यवसाय - स्वयं का कंप्यूटर डाटा वर्क बिजनेस .
  •  शौख (Hobby) - चित्रकारी, लेखन, कविता, शायरी,
  •  पुरस्कार - चित्रकारी में विभिन्न प्रमाण पात्र .


दोस्तों मैं बचपन से हड्डियो में कमजोर होने से विकलांग हूँ. जिसकी वजह से मैं बचपन से २४ साल तक शारीरिक दुःख झेला है .और इसी हालत में भी मैं जीवन का संघर्ष करते अपनी शैक्षणिक योग्यता को पूरा किया . मैं अपने को कभी कमजोर नहीं समझा मैं हमेसा अपने को आम इंसानों की तरह देख है. मुझे हमदर्दी पसंद नहीं. न मैं किसी से मदद लेना चाहता हूँ. इसलिए मैं अपनी बाकी का जीवन अपने पैसो से जी सकू इसलिए मैं एक नौकरी की तलाश में हूँ. पर अब तक मुझे अपनी मंजिल नहीं मिला है .परन्तु मैं नौकरी के भरोसे नहीं हूँ .मैं अपने घर पर ही 2013से कंप्यूटर डाटा  वर्क के जरिये अपना पैसा कमा कर अपना स्याम का खर्च मैं निकल लेता हूँ. 

मैं अपना खाली समय नेट में कुछ सर्च कर के या  किताब पढ़ के निकलता हूँ. न्यूज़ पढना मुझे बहोत पसंद है .मुझे अकेले रहना बहोत पसंद है .खास कर एकांत में .और कही घुमने  का मन हो तो बस नदी पर्वत या जंगल में जाने का मन होता है .

दोस्तों मैं बहुत खुले विचार का इन्सान हूँ . जो दिल में होता है मैं बोल देता हूँ. किसी से मुझे शिकायत होने पर भी मैं उनको कुछ दिनों के बाद माफ़ भी कर देता हूँ. अध्यात्मिक नजर से मैं नास्तिक का जीवन जीता हूँ. क्योकि मैं अध्यात्म के वजह से बहोत बेवकूफी किया है .इसलिए अब धर्म और इश्वर से मेरा दिल उभ चूका है. मैं रुनिवादी और अन्धविश्वास से नफरत करता हूँ. साथ में धर्म के नाम पर कट्टरता को मैं घृणा के नजर से देखता हूँ. 

यदि मेरे हाथ में पैसा हो तो मुझे उसे खर्च करने का मन होता है. पर उसी चीज में जिसमे मुझे ज्यादा खुसी हो. खाने पिने का मैं सौकीन नहीं ,मुझे इलेक्ट्रोनिक चीजे खरीदने का बड़ा सौकीन हूँ. इसलिए मैं अपना पैसा अपने लिए खर्च करता हूँ. धन का संचय भी करता हूँ पर  उतना भी नहीं की मेरी खुसी के बिच दिवार बने .

मुझे नए लोगो से मिलना बहोत पसंद है .और उनसे बाते करना . लडकियो से भी दोस्ती करना पसंद है . और मेरा दिल में जो फिलिंग होता है मैं कह देता  हूँ. मुझे अपने इज्जत और मान-सम्मान को लेकर कोई डर नहीं .मुझे जो अच्छा लगे वही करता हूँ. पाप पुन्य सब मुझे बकवास लगता है .

मेरे जीवन में कई लड़कियां आई है और प्यार मोहब्बत का खेल चला है. पर मैं 2 लडकियो से प्यार किया . पहली वाली से तो मुझे प्यार में बहुत दुःख मिला , पर जब दूसरी आई तो मुझे दुनिया की हर खुसी दी. हाला की मैं उन दोनों के काबिल नहीं था इसलिए उनसे मेरा सम्बन्ध चंद पल का रहा है . 

मेरा कोई दोस्त है तो मेरा केवल भाई है .जिसे हर बात शेयर किया करता हूँ. आने वाले समय में ओ चाहे मेरे साथ जैसा करे पर उम्मीद है वही है मेरा ख्याल रखेगा .

मेरी माँ दुनिया की सबसेअच्छी माँ है जो मेरी इतना सेवा किया .और पिता जी जो मेरा हर ख्वाब पूरा किया. और लास्ट में मेरी बहन जो मेरा हर बात मानती है उसे बहोत प्यार है .बस कहने को मेरे पास बहोत है पर इतना ही कहना चाहूँगा .

--शब्बीर चौरसिया